ऐस्ट्रो  धर्म :



किसी गाँव में दो साधू रहते थे। वह दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गांव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी। दोनों साधू गाँव की सीमा से लगी एक झोपड़ी में निवास करते थे। शाम को जब दोनों वापस पहुंचे तो देखा कि आंधी-तूफ़ान के कारण उनकी आधी झोपड़ी टूट गई है। यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठता है और बुदबुदाने लगता है। ”भगवान तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है… मैं दिन भर तेरा नाम लेता हूँ। मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ फिर भी तूने मेरी झोपडी तोड़ दी… गाँव में चोर – लुटेरे झूठे लोगों के तो मकानों को कुछ नहीं हुआ। बिचारे हम साधुओं की झोपडी ही तूने तोड़ दी ये तेरा ही काम है …हम तेरा नाम जपते हैं पर तू हमसे प्रेम नहीं करता….”।
तभी दूसरा साधू आता है और झोपड़ी को देखकर खुश हो जाता है, नाचने लगता है और कहता है भगवान् आज विश्वास हो गया तू हमसे कितना प्रेम करता है। ये हमारी आधी झोपड़ी तूने ही बचाई होगी अन्यथा इतनी तेज आंधी– तूफ़ान में तो पूरी झोपड़ी ही उड़ जाती। यह तेरी ही कृपा है कि अभी भी हमारे पास सर ढ़ंकने को जगह है…. निश्चित ही ये मेरी पूजा का फल है। कल से मैं तेरी और पूजा करूँगा। मेरा तुझ पर विश्वास अब और भी बढ़ गया है… तेरी जय हो!
एक ही घटना को एक ही जैसे दो लोगों ने कितने अलग-अलग ढंग से देखा! हमारी सोच हमारा भविष्य तय करती है, हमारी दुनिया तभी बदलेगी जब हमारी सोच बदलेगी। वस्तु एक होती है लेकिन उसे देखने का नजरिया सबका अलग होता है। इसलिए ईश्वर के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाना चाहिए। वह जो भी करता है हमारे भले के लिए ही करता है।
Aaj Ki Delhi.in/ The 24x7 news/ Indian news Online/ Prime News.live/Astro Dharm/ Yograaj Sharma/ 7011490810
Axact

Axact

Vestibulum bibendum felis sit amet dolor auctor molestie. In dignissim eget nibh id dapibus. Fusce et suscipit orci. Aliquam sit amet urna lorem. Duis eu imperdiet nunc, non imperdiet libero.

Post A Comment:

0 comments: