होस्पीटेलिटी यानि मेहमाननवाजी ऐसा विषय है जिस पर पूरी होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री टिकी है। इस विषय पर अच्छी किताबों की कमी रही है। लेकिन अब चार लेखकों की एक किताब इस पूरी इंडस्ट्री और बिजनेस को एक नई उचाईयों पर लाने के लिए विशेष प्रयास के रुप मे देखी जा रही है। इस किताब को कई फिल्म जगत, होटल जगत और अन्य क्षेत्रो के विशेषज्ञो की भी सराहना मिल चुकी है। जी हां ये लेखक है किरन चावला, दिव्या ज्योति ठाकुर, पंकज शर्मा और मनप्रीत कौर। इस बारे मे बात करने पर किरन चावला ने आज की दिल्ली से खास बातचीत में कहा कि किताब लिखना एक ऐसी यात्रा है जिसमें लेखक के प्रयास से कहीं अधिक समय लगता है। इसमें कई व्यक्तियों और संगठनों का समर्थन, प्रोत्साहन और योगदान शामिल है। मैं उन सभी का हृदय से आभारी हूं जो इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं और इस पुस्तक को वास्तविकता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सबसे पहले और सबसे
महत्वपूर्ण, हम सभी इस पूरी प्रक्रिया में उनके अटूट समर्थन और समझ
के लिए अपने परिवार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहते हैं। आपका धैर्य, प्यार और प्रोत्साहन मेरी ताकत के स्तंभ रहे हैं।
हम अपने मित्रों और
सहकर्मियों की सराहना करना चाहेंगे जिन्होंने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि, प्रतिक्रिया और प्रेरणा प्रदान की है। आपकी चर्चाएँ और विचार-मंथन सत्र इन
पृष्ठों के विचारों को आकार देने में सहायक रहे हैं।
इस पांडुलिपि को
परिष्कृत और चमकाने में उनकी विशेषज्ञता और समर्पण के लिए हमारे संपादक और प्रकाशन
टीम को विशेष धन्यवाद। उत्कृष्टता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ने इस पुस्तक को अधिक
सुसंगत और आकर्षक कार्य में बदल दिया है।
हम उन असंख्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और व्यक्तियों का आभारी हैं जिन्होंने उदारतापूर्वक अपना ज्ञान और अनुभव मेरे साथ साझा किया। आपके साक्षात्कारों, वार्तालापों और पत्राचार ने इस पुस्तक की सामग्री को समृद्ध किया है और मेरे दृष्टिकोण को व्यापक बनाया है।
हम उन पुस्तकालयों, संस्थानों और संगठनों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने हमारे शोध के
लिए आवश्यक संसाधनों और सामग्रियों तक पहुंच प्रदान की। यहां प्रस्तुत जानकारी की
सटीकता और गहराई सुनिश्चित करने में आपका समर्थन अमूल्य था।
अंत में हम पाठकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहते हैं। इस पुस्तक में आपकी रुचि हमारे प्रयासों का सर्वोत्तम प्रतिफल है। मुझे आशा है कि यह पुस्तक आपके जीवन में मूल्य जोड़ती है, आपकी जिज्ञासा जगाती है और सार्थक चर्चा को बढ़ावा देती है।
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