ऐस्ट्रो  धर्म :



रमजान के महीने के बारे में कहा जाता है कि यदि कोई रोजेदार इस पाक महीने में बुरे कर्म करेगा तो उसको आम दिनों की अपेक्षा सत्तर गुना ज्यादा दंड मिलेगा और अच्छा काम करेगा तो उसको सत्तर गुना अधिक सवाब मिलेगा। रमजान के महीने में तराबी के पढ़ने से इंसान की रुह पाक साफ होती है। रमजान के महीने में रोजे रखने का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इससे रुह और आत्मा दोनों स्वच्छ होती है।

ऐसे रखें रोजे
रोजे रखने के लिए रोजादार को सूर्योदय के पहले उठकर कुछ खा लेना चाहिए। इसको सेहरी करना कहते हैं। इसके बाद दिन में कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है। शाम को मगरीब की नमाज के बाद कुछ खाकर रोजा खोला जाता है। मान्यता है कि रमज़ान के महीने में रोज़ादार को इफ्तार कराने वाले के गुनाह माफ हो जाते हैं। इफ्तार के संबंध में हजरत मुहम्मद का कहना है कि खजूर या पानी से ही इफ्तार कराया जा सकता है। कहा जाता है कि अल्लाह ने मुसलमानों को रोजे रखने के लिए इसलिए कहा ताकि वो अपने अंदर परहेज की आदत पैदा कर सकें।
रोजेदार बुराईयों से मुकद्दस हो जाता है
रमजान के दिनों में सिर्फ रोजा रखना ही काफी नहीं है। बल्कि आदतों पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है। रमजान के दौरान रोजेदार को बुरी सोहबतों से दूर रहना चाहिए। ना तो झूठ बोलना चाहिए न ही किसी की इस दौरान बुराई करना चाहिए। दंगे-फसाद से दूरी बनाकर रखना चाहिए। इसलिए कहा जाता है कि गलत चीजों को देखने और सुनने से भी रोजा टूट जाता है। मान्यता है कि रोजा रखने से इंसान हर गलत काम और बुराइयों से मुकद्दस हो जाता है।रोजे इंसान को स्वयं पर काबू रखने की तरबियत देते हैं।
ज्यादा समय गुजारे इबादत में
रमजान में यदि रोजा रखना है तो रोजेदार को रात को इसको नियत कर लेना चाहिए। बेहतर यह है कि रमजान के महीने की पहली रात को ही पूरे महीने के रोजे की नियत कर लें। रमजान के शुरू होने से पहले जरूरत का साजो-सामान खरीद ले, जिससे रोजे के दौरान बाजारों के चक्कर न लगाना पड़े और ज्यादा से ज्यादा समय इबादत में गुजरे।
इफ्तार के लिए खजूर है बेहतर
रोजे में मगरीब की नमाज अदा करने के बाद इफ्तार करें और पर्याप्त पानी पीकर शरीर में दिनभर के पानी की कमी को दूर करें। दिनभर के रोजे के बाद इफ्तार की शुरूआत काफी हल्के खाने से करे। इफ्तार के लिए खजूर को बेहतर माना जाता है। इसलिए फल, सलाद, खजूर, सूप, जूस को इसमें शामिल करें। गर्मी का मौसम है इसलिए सहरी के खाने का भी खास ख्याल रखें। तला,गला, मसालेदार भोजन न लें। दूध, ब्रेड, ओटमील, फल सेहरी मे सेहत के लिए बेहतर होते हैं।
बुरी आदतों से रहे दूर
रमजान के मुकद्दस महीने में ज्यादा से ज्यादा समय इबादत में गुजारें। कुरान की तिलावत, नमाज की पाबंदी, जकात, सदाक और अल्‍लाह का जिक्र करते हुए इबादत करें। इस पाक महीने में नेक काम करने और इफ्तार कराने से सवाब बढ़ता है। यदि रोजेदार गलती से कुछ खा पी ले तो उसका रोजा टूटता नहीं है। रमजान के महीने में रोजेदार गलत लतों से दूर रहता है।
इसलिए इस महीने में सिगरेट, गुटखा, शराब आदि से दूर रहें। रमजान के महीने में कुरान पाक की तिलावत की आदत डालें। इससे बहुत सवाब हासिल होता है। रात को जल्द सोकर सुबह फज्र का नमाज के लिए उठने की आदत बनाएं। इस पाक महीने में फ्ल नमाजों का तहाजुद की नमाज की तरह एहतेमाम करें



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