ऐस्ट्रो धर्म :
हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं। हनुमान जी की कृपा से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए बस आपको नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। नियमित हनुमान चालीसा के पाठ के अनेको लाभ होते हैं।
सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं
हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हनुमान जी अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता कहा गया। जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उसकी हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं।
नकारात्मकता दूर रहती है
हनुमान चालीसा का एक दोहा है 'भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे। इस दोहे से बताया गया है कि जो व्यक्ति नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके आस-पास भूत-पिशाच और दूसरी नकारात्मक शक्तियां नहीं आती हैं।
सभी रोगों से मुक्ति मिलती है
हनुमान चालीसा में लिखा भी गया है" नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।' हनुमान चालीसा के नियमित पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। जो लोग अक्सर बीमार रहते हैं या काफी उपचार के बाद भी जिनका रोग दूर नहीं होता उन्हें नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
हर काम में निपुण
हनुमान जी हर काम में निपुण हैं। इसका हनुमान चालीसा में वर्णन भी है। 'विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।' जो इनकी भक्ति सहित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उनमें भी हनुमान जी यह गुण भर देते हैं।
मोक्ष की प्राप्ति
नित्य नियम से हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और शरीर त्यागने के बाद परमधाम में स्थान मिलता है। इस बात का भी वर्णन हनुमान चालीसा में है। 'अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि–भक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई। हनुमत् सेई सर्व सुख करई।। यानी जो व्यक्ति हनुमान जी का ध्यान करता है उन की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करता है उसके परम धाम जाने का मार्ग सरल हो जाता है।
हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं। हनुमान जी की कृपा से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए बस आपको नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। नियमित हनुमान चालीसा के पाठ के अनेको लाभ होते हैं।
सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं
हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हनुमान जी अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता कहा गया। जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उसकी हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं।
नकारात्मकता दूर रहती है
हनुमान चालीसा का एक दोहा है 'भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे। इस दोहे से बताया गया है कि जो व्यक्ति नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके आस-पास भूत-पिशाच और दूसरी नकारात्मक शक्तियां नहीं आती हैं।
सभी रोगों से मुक्ति मिलती है
हनुमान चालीसा में लिखा भी गया है" नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।' हनुमान चालीसा के नियमित पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। जो लोग अक्सर बीमार रहते हैं या काफी उपचार के बाद भी जिनका रोग दूर नहीं होता उन्हें नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
हर काम में निपुण
हनुमान जी हर काम में निपुण हैं। इसका हनुमान चालीसा में वर्णन भी है। 'विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।' जो इनकी भक्ति सहित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उनमें भी हनुमान जी यह गुण भर देते हैं।
मोक्ष की प्राप्ति
नित्य नियम से हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और शरीर त्यागने के बाद परमधाम में स्थान मिलता है। इस बात का भी वर्णन हनुमान चालीसा में है। 'अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि–भक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई। हनुमत् सेई सर्व सुख करई।। यानी जो व्यक्ति हनुमान जी का ध्यान करता है उन की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करता है उसके परम धाम जाने का मार्ग सरल हो जाता है।
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