जयपुर। स्वर्गीय श्री कुंज बिहारी जी नारनौली की स्मृति में व मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी व मानस गोस्वामी के सानिध्य में मंदिर श्री गोविन्द देव जी प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन मंगलवार को नन्दोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नन्द के आनन्द भयो...., यशोदा जायो ललना...., जैसे बधाई गीतों पर खिलौने, मेवे, फल आदि की जमकर उछाल लूटी। नन्दोत्सव का नजारा चोतरफा सुकून भरा था। कार्यक्रम स्थल पर जिधर देखो उधर हर कोई कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियां मनाता नजर आया। इस अवसर पर कथा के आयोजक रमेश नारनौली व उनके परिजनों ने बधाई गीतों पर जमकर खिलौने, मेवे व फल की उछाल लुटाई। इस अवसर पर विश्व विख्यात वृन्दावन से पधारे आचार्य श्री पीयूष जी महाराज ने कहा कि राम की मर्यादा को समझे बिना श्रीकृष्ण की लीलाएं समझ से परे है। श्रीकृष्ण की लीला सुनने से पहले श्रीराम कथा की मर्यादा जीवन में आनी चाहिए। बिना मानवीय मर्यादा के भगवान के चरित्र इंसान की समझ में नहीं आते। इस अवसर पर जयकारों के बीच ठाकुर जी का अभिषेक किया गया। कार्यक्रम के आयोजक रमेश नारनौली ने बताया कि बुधवार को श्रीकृष्ण बाल लीला, श्री गिरिराज पूजन, छप्पन भोग, 7 अगस्त को महाराज प्रसंग, मथुरा गमन, रूकमणी विवाह के बाद 8 अगस्त को सुदामा चरित्र, दत्तात्रेयोपाख्यान, शुकदेव की कथा के बाद व्यास पूजन होगा।
जयपुर। स्वर्गीय श्री कुंज बिहारी जी नारनौली की स्मृति में व मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी व मानस गोस्वामी के सानिध्य में मंदिर श्री गोविन्द देव जी प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन मंगलवार को नन्दोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नन्द के आनन्द भयो...., यशोदा जायो ललना...., जैसे बधाई गीतों पर खिलौने, मेवे, फल आदि की जमकर उछाल लूटी। नन्दोत्सव का नजारा चोतरफा सुकून भरा था। कार्यक्रम स्थल पर जिधर देखो उधर हर कोई कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियां मनाता नजर आया। इस अवसर पर कथा के आयोजक रमेश नारनौली व उनके परिजनों ने बधाई गीतों पर जमकर खिलौने, मेवे व फल की उछाल लुटाई। इस अवसर पर विश्व विख्यात वृन्दावन से पधारे आचार्य श्री पीयूष जी महाराज ने कहा कि राम की मर्यादा को समझे बिना श्रीकृष्ण की लीलाएं समझ से परे है। श्रीकृष्ण की लीला सुनने से पहले श्रीराम कथा की मर्यादा जीवन में आनी चाहिए। बिना मानवीय मर्यादा के भगवान के चरित्र इंसान की समझ में नहीं आते। इस अवसर पर जयकारों के बीच ठाकुर जी का अभिषेक किया गया। कार्यक्रम के आयोजक रमेश नारनौली ने बताया कि बुधवार को श्रीकृष्ण बाल लीला, श्री गिरिराज पूजन, छप्पन भोग, 7 अगस्त को महाराज प्रसंग, मथुरा गमन, रूकमणी विवाह के बाद 8 अगस्त को सुदामा चरित्र, दत्तात्रेयोपाख्यान, शुकदेव की कथा के बाद व्यास पूजन होगा।
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