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ज्योतिष में बृहस्पति को देवगुरु का पद प्राप्त है। बृहस्पति को नौ ग्रहों में सबसे सौम्य, सात्विक और शुभ फल देने वाला ग्रह माना गया है परंतु बृहस्पति की महादशा प्रत्येक व्यक्ति के लिए शुभ फल देने वाली नहीं होती। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में स्थित लग्न के अनुसार उसकी कुंडली में प्रत्येक ग्रह का उसके लिए शुभकारक या अकारक होना निश्चित होता है। जिस ग्रह की कोई भी एक राशि त्रिकोण (1,5,9 भाव) में पड़ जाती है वह ग्रह उस कुंडली का शुभकारक ग्रह बन जाता है पर किसी ग्रह की दशा का पूरा परिणाम निकालने के लिए ग्रह की मूल त्रिकोण
राशि तथा कुंडली में उस ग्रह की स्‍थिति अपनी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बृहस्पति विशेषतः मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न में त्रिकोण का स्वामी होने से इन सभी लग्नो की कुंडलियों में शुभ फलकारक ग्रह होता है। इसलिए सामान्यतः मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न वालों के लिए बृहस्पति की महादशा शुभ और अच्छा फल देती है और इनमे भी धनु और मीन लग्न में बृहस्पति परम योगकारक ग्रह होने धनु और मीन लग्न के लोगों को अपनी महादशा में बहुत शुभ परिणाम देता है। साथ ही वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न में बृहस्पति अकारक ग्रह होने से विशेष शुभ परिणाम देने वाला नहीं होता। बाकी पूर्ण परिणाम के लिए कुंडली में बृहस्पति किस स्थिति में है यह आंकलन करना बहुत आवश्यक होता है। जानिए लग्‍न में बृहस्‍पति का प्रभाव।
  • मेष लग्न वालों के लिए बृहस्पति की महादशा विशेष रूप से भाग्योदय कारक होती है। जीवन में सफलता दिलाती है तथा उन्नति देकर जीवन के ग्राफ को ऊपर ले जाती है।
  • वृष लग्न वाले जातकों के लिए बृहस्पति आकारक एवं मारकेश होता है अतः बृहस्पति की महादशा में स्वास्थ्‍य में कष्ट, कार्यों में बाधाएं और जीवन में संघर्ष बढ़ता है। कुछ धन लाभ अवश्य कराता है पर मुख्य रूप से मारक फल ही करता है।
  • मिथुन लग्न के जातकों के लिए बृहस्पति की महादशा कॅरियर और वैवाहिक पक्ष के लिए तो शुभ परिणाम देती है परंतु यहां भी मारकेश होने से बृहस्पति की दशा में स्वास्थ्‍य कष्ट होते हैं।
  • कर्क लग्न के जातकों को बृहस्पति की महादशा शुभ परिणाम देती है। भाग्य में वृद्धि होती है रुके कार्य पूरे होते हैं और व्यक्ति का जीवन उन्नति की और आगे बढ़ता है।
  • सिंह लग्न के लिए भी बृहस्पति शुभकारक होने से अपनी दशा में अच्छा फल करता है। बुद्धि द्वारा उन्नति देता है।
  • कन्या लग्न वालों के लिए बृहस्पति की महादशा संपत्ति और विवाह के कार्यों में तो आगे बढाती है। केन्द्राधिपति दोष तथा मारकेश होने से अधिक शुभ नहीं होती। स्वास्थ्‍य में उतार चढाव होता है।
  • तुला लग्न वालों के लिए बृहस्पति की दशा संघर्ष और परिश्रम बढ़ाने वाली होती है। स्वास्थ्‍य समस्याएं तथा वाद-विवाद भी बढ़ते हैं।
  • वृश्चिक लग्न के जातकों को बृहस्पति की महादशा शुभ परिणाम देती है। आर्थिक उन्नति होती है। जीवन में सफलता का स्तर बढ़ता है।
  • धनु लग्न के जातकों के लिए बृहस्पति की महादशा बहुत शुभ कारक होती है प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा, यश और समृद्धि की प्राप्ति कराती है।
  • मकर लग्न के जातकों के लिए बृहस्पति की महादशा संघर्ष कारक होती है। व्यय अधिक होता है तथा प्रत्येक कार्य में संघर्ष उपस्थित होता है।
  • कुम्भ लग्न के जातकों के लिए बृहस्पति की महादशा आर्थिक या धन लाभ को तो बढाती है पर मारकेश का कार्य भी करती है। स्वास्थ्‍य बाधाएं बढ़ती हैं।
  • मीन लग्न में बृहस्पति की महादशा बहुत शुभ परिणाम देती है। भाग्य में उन्नति मिलती है। कॅरियर में सफलता और अच्छे पद की प्राप्ति होती है तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
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