आरती एवं दान के शुभ फल:
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा का पर्व भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माँ गंगा के अवतरण की महत्वता को दर्शातें हुए पूजनीय माना जाता है। इस दिन माँ गंगा के पूजन से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जातें है। गंगा दशहरा के दिन ही राजा भागीरथी के कठोर तप से प्रसन्न होकर माँ गंगा धरती पर पधारी थी। माँ गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजी जाती है। इनके पूजन से व्यक्ति का तन - मन एवं जीवन शुद्ध हो जाता है तथा उसके कार्यों में कभी भी कोई बाधा का वास नहीं रहता।
दीप दान का आशय घोर अंधकार को मिटाकर प्रकाश के आगमन से है। दीप दान करने से व्यक्ति दिव्य कांति से युक्त हो जाता है। इससे जीवन का अंधकार छट जाता है। दीप दान से व्यक्ति को स्वर्ग समान जीवन की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को धन , यश एवं कीर्ति का लाभ होता है। दीप का दान प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से अशुभता एवं दरिद्रता का अंधकार समाप्तकर उन्हें सुख - समृद्धि एवं शांति का आश्रय प्रदान करता है।
दीप दान का आशय घोर अंधकार को मिटाकर प्रकाश के आगमन से है। दीप दान करने से व्यक्ति दिव्य कांति से युक्त हो जाता है। इससे जीवन का अंधकार छट जाता है। दीप दान से व्यक्ति को स्वर्ग समान जीवन की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को धन , यश एवं कीर्ति का लाभ होता है। दीप का दान प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से अशुभता एवं दरिद्रता का अंधकार समाप्तकर उन्हें सुख - समृद्धि एवं शांति का आश्रय प्रदान करता है।
हमारी सेवाएं :-
हमारे युगान्तरित पंडित जी द्वारा आपके नाम से माँ गंगा का पूर्ण विधि -विधान से पूजन एवं आरती संपन्न की जाएगी। तथा माँ गंगा को दीप दान भी किया जाएगा।
हमारे युगान्तरित पंडित जी द्वारा आपके नाम से माँ गंगा का पूर्ण विधि -विधान से पूजन एवं आरती संपन्न की जाएगी। तथा माँ गंगा को दीप दान भी किया जाएगा।
प्रसाद :-
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