एस्ट्रो धर्म :
हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,मुण्डन,सगाई,गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,मुण्डन,सगाई,गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त्त नहीं बनते। 30 मई 2020, दिन शनिवार को शुक्र का तारा रात्रि 10 बजकर 32 मि.पर पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो दिनांक 8 जून 2020 दिन सोमवार को दोपहर 2 बजकर 08 मि. पर पूर्व दिशा में उदित होगा।
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