आचार्य रामगोपाल शुक्ला। एस्ट्रो धर्म।
भविष्य पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के अंशावतार श्री परशुराम जी का जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को रात्रि के प्रथम चरण ( प्रदोष काल ) मे हुआ था , तदनुसार 25 अप्रैल शनिवार को भगवान परशुराम का जन्म उत्सव मनाना शुभ होगा । पूर्वान्ह व्यापिनी अक्षय तृतीया के पर्व 26 अप्रैल रविवार को रोहिणी नक्षत्र कालीन मनाना विशेष प्रसस्त होगा । यह स्वयं सिद्धि महूर्त तिथि है । इस तिथि की गणना युगादि तिथियों में कई जाती है क्योंकि त्रेतायुग ( कल्प भेद से सतयुग ) का शुभारंभ इसी तिथि से हुआ था । इस कारण इस दिन किये गये जप , तप , ध्यान , यज्ञ , दान आदि शुभ कार्यो का अक्षुण्ण ( अक्षय ) फल होता है । इस दिन तीर्थ स्नान , समुद्र स्नान , गंगा स्नान , श्री विष्णु सहस्र नाम का पाठ , ब्राह्मण भोजन , कलश , वस्त्र , फल , चावल आदि अनाज एवं मिष्ठान , दक्षिणा सहित दान यथाशक्ति करने से अनंत गुना फल होता है !!
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भगवान परसुराम के चरणों मे शत शत नमन !!
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