चूरू। नयाबास में चल रही श्रीमद भागवत कथा में प्रवचन करते हुए कथावाचक ने सुदामा व कृष्ण की मित्रता का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सुदामा जो बचपन का मित्र था व राजा कृष्ण से मिलने से कतरा रहा था लेकिन पत्नी के जोर देने पर वह मिलने पहुंचा। बचपन के मित्र का कृष्ण ने भाव विभोर होकर स्वागत किया व सम्मान दिया। यह उनकी महानता का परिचायक था। कथा प्रसंगों का सुंदर जिक्र करते हुए उन्हांेने कहा कि सुदामा और कृष्ण की मित्रता हमें हर परिस्थिति में वचन निभाने व मित्रता निभाने की प्रेरणा देता है। कथा में उन्होंने भागवत चरित्र का वर्णन करते हुए जीवनोपयोगी संदेश दिए व बताया कि भागवत सुनने के साथ हमें इसे जीवन में आत्मसात भी करते रहना चाहिए। कथा में आयोजन समिति के डाॅ. रवि शर्मा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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