वर्णन - जितेश सोनी
चूरू। इंद्रमणि भवन में चल रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक राघव ऋषि के सानिध्य में नंदोत्सव मनाया गया। इस दौरान समूचा कथा पांडाल बृजमय हो गया। चारों ओर उडती गुलाल और रंग-बिरंगे पुष्पों की बौछार ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा प्रसंग में राघव ऋषि ने कहा कि शरीर को मथुरा और हृदय को गोकुल बनाए तो नंदरूपी जीव को प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि संसार का ज्ञान चाहे कितना भी हो लेकिन भगवान का ज्ञान प्राप्त नहीं किया तो वह किसी काम का नहीं। माखनचोर कन्हैया की लीलाओं का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पवित्र म नही माखन है जिसका मन पवित्र होता है भगवान उसके घर पधारकर मन रूपी माखन चुरा लेेते हैं। कथा में उपस्थित यजमान अरूण कुमार शर्मा, अनिल कल्याणी, हुकमीचंद लोहिया, दीपक शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, शिवनदन, नवल किशोर, नरेंद्र शर्मा, किशन गांेस्वामी, ओमप्रकाश, अजय, जगदीश शर्मा, संजय जैन सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे।
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