बीकानेर। मनुष्य को व्यवस्था की उपयोगिता पर नहीं बल्कि उपस्थित व्यवस्था की विवशता पर ध्यान केन्द्रित  करना चाहिये। ताकि जीवन की उपादेयता सफल हो जाये। ये उद्गार जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद  जी महाराज ने माखन भोग में राष्ट्रोत्कर्ष अभियान सनातन संस्कृति संरक्षणार्थ आयोजित विशाल धर्मसभा में   कहे। उन्होंने कहा कि भौतिकवादी युग में मानव आज जीवन के महत्व को भूल गया है। आज वह सच्चे अर्थों  में जीविकोपार्जन के लिये जीने लगा है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिये। हर मानव को यह समझ लेना चाहिये  कि जीविका जीवन के लिये है,जीवन जगदीश्वर की प्राप्ति के लिये। महाराज श्री ने कहा कि भगवान को  भूलकर जगत का स्मरण करने पर अच्छे फल की प्राप्ति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि आज मंहगाई का  विकास हो रहा है हर ओर हाहाकार मचा है कि विकास किया जा रहा है। वस्तुत: संस्कृति,संस्कार,गौ माता के  विकास की बजाय मंहगाई का विकास हो रहा है,जो विकाशकारक है। आज का मानव परमात्मा से करोड़ों दूर  हो गया है। आज के युग का पहला लक्ष्ण धैर्य का विलोप है। जबकि आध्यात्मिक युग में धैर्य को धारण करना  पहला कर्तव्य है। संसार और शरीर की महता समझाते हुए महाराज श्री ने कहा कि काम चाहे ईश्वर के द्वारा  किया गया हो या मनुष्य के द्वारा नश्वर है। महाराजश्री ने कहा कि परमेश्वर की शक्ति और आत्म ज्ञान से ही  मनुष्य का जीवन साकार हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम भागवत स्वरूप आत्म तत्व को नहीं जानेंगे  तो हम विनाश की ओर अग्रसर हो रहे है। इस स्थिति से बचने के लिये हमें लक्ष्य तय करना होगा कि हम  भागवत स्वरूप व आत्मज्ञान को जाने और ईश्वरी भक्ति के माध्यम से संस्कृति को आगे बढ़ावें। इससे पूर्व  महाराज श्री का आयोजन समिति के द्वारका राठी,तोलाराम पेडि़वाल,डी पी पच्चीसिया, बाबूलाल मोहता,सुभाष  मित्तल,राजेश चूरा सहित अनेक जनों ने स्वागत सत्कार किया। धर्मसभा में बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी आये।  धर्मसभा में रमेश चांडक,दाऊ बिन्नाणी,नवल राठी,बलदेव मून्दड़ा, गोपीकिशन पेडि़वाल आदि ने व्यवस्थाओं  में योगदान दिया।र्
भैरोंजी की आराधना की, सुख-समृद्धि मांगी
 बीकानेर । मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष अष्टमी पर काल भैरवाष्टमी  पर भैरू मंदिरों में पूजा अर्चना कर भैरूनाथ का  विशेष श्रृंगार किया गया।  इस मौके पर भैरवजी के भक्तों ने व्रत रखा और विशेष पूजा—अर्चना कर  सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान पूरे वातावरण भैरव अष्टोत्तरशत नामावली के पाठों से गूंज उठा।  अष्टमी पर शहर के मंदिरों में सुबह से भैरोंजी की आराधना का दौर शुरू हो गया। इस अवसर पर भैरोंजी को  कचौरी व कंगन का भोग लगा। इस बीच भैरोंजी के भक्तिगीतों का दौर चलता रहा। नत्थूसर गेट बाहर स्थित  शिव शक्ति साधना पीठ के अधिष्ठाता एवं भैरव उपासक प्रदीप किराडू के सान्निध्य में भैरूनाथ की विशेष पूजा  अर्चना की गई। इस मौके पर महाभारत में अर्जुन की भूमिका निभाने वाले फिरोज खांन ने भी पूजा अर्चना में  शिरकत की। साधना पीठ से जुड़े मदन मोहन व्यास ने बताया कि इस अवसर पर भैरूनाथ का चमेली के तेल  से 11 पंडितों के आचार्यत्व में महाभिषेक किया गया तथा छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया। तत्पश्चात डेरू  भजन संध्या का आयोजन हुआ। रात्रि काल में महाआरती के पश्चात महाप्रसादी का कार्यक्रम रखा गया है।  इस मौके पर बसंत किराडू, मदन गोपाल व्यास, वीरेन्द्र किराडू, केदारनाथ अग्रवाल सहित भैरू रक्त अपनी  सेवाएं दी।



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