श्रावण पुर्णिमा पर्व पर 5 कुण्डीय गायत्री यज्ञ और संस्कार हुए
बीकानेर। अखिल विश्व गायत्री परिवार की जिला शाखा गायत्री शक्तिपीठ  पुरानी गिन्नाणी की ओर से प्रज्ञा संस्थान, किलचू गांव में सृष्टि आरम्भ का पर्व  ''श्रावणी-पर्वÓÓ पूर्ण क्षद्धा, विश्वास तथा सृजन संकल्प के साथ मनाया गया।  इस अवसर पर आचार्य देवीशरण शर्मा ने गायत्री परिजनों को हेमाद्रि संकल्प  करवाते हुए बताया कि यह सृष्टि नियंता के संकल्प से उपजी है। प्रत्येक व्यक्ति  भी अपने लिए एक नई दुनिया की सृष्टि करने को आतुर रहता है परन्तु यही  सृष्टि यदि ईश्वरीय योजना के अनुकूल होती है तो कल्याणकारी परिणाम आते  है अन्यथा अनर्थ का सामना करना पड़ता है। अपनी नई दुनिया के निर्माण में  चाहने, सोचने तथा करने में कहीं विकार आए तो उसको हटाने तथा एक नई  शुरूआत करने को ही हेमाद्रि संकल्प कहा जाता है। गायत्री शक्तिपीठ के  कार्यवाहक पवन कुमार औझा ने ने बताया कि ''श्रावणी-पर्वÓÓ के तहत  श्रद्धालुओं द्वारा भस्म, मृत्तिका, दुध, दही, घृत, गौमय, गौमुत्र, हल्दी,  कुषौदक तथा मधु से दश-स्नान के साथ अपने परिजनों की दिवंगत हो चुकी  आत्माओं को वैदिक रीति से तृपण संस्कार किया गया तथा मानव जीवन  व्यवहार में मन, क्रम और वचन से जो भी त्रृटियां हुई है उन्हे पुन: ना दोहराने का  संकल्प लिया गया। यज्ञाचार्य भारत भूषण गुप्ता तथा उमाशंकर गुप्ता द्वारा  ''श्रावणी-पर्वÓÓ का समापन 5 कुण्डीय गायत्रीयज्ञ की पूर्णाहुति से किया गया  जिसमें पर्व विशष की आहुतियां दिलाई गई। तथा इस अवसर पर परिजनों को  ध्यान, साधना तथा उपासना को अपने जीवन में नियमित अभ्यास करने को  आहवान किया गया।  कार्यक्रम में करनीदान चौधरी, देवेन्द्र सारस्वत, अमरसिंह  वर्मा, रामानुंज शर्मा, रामलाल बामणियां तथा पंकज गोयल ने सहयोग किया।





प्रभा बिस्सा
  बीकानेर



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