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भाई-बहिनों ने मिलकर तालाबों पर समंदर हिलोरा
बालोतरा। कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में शुक्रवार को नागपंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नागपंचमी पर्व पर नाग देवता व क्षेत्रपाल खेतलाजी को घुघरी मातर व प्रसादी का भोग लगाने के साथ अच्छी बारिश की कामना की गई। इस दौरान क्षेत्र के कई तालाबों पर समंदर हिलोरने की परंपरा का भी निर्वहन किया गया। क्षेत्र के चढ़ाणी महादेव तालाब पर सुहागिन महिलाओं ने उनके भाई के साथ समंदर हिलोरा। इससे पूर्व महिलाओं ने विभिन्न परिधानों पर सज-धज कर तालाब के चारों ओर परिक्रमा लगाते हुए विभिन्न गीतों का संगान किया। उन्होंने ओ म्हारा सासुजी समंदरियों हिलोरा खाए...,जेठ-आषाढ़ वरिया-वरिया..., वीरा दल बादल उजले..., आदि गीतों का संगान कर पुरानी परंपरा निभाई। इससे पूर्व महिलाएं ने पूरे दिनभर व्रत रखा। इसके बाद अपने घर से सांकलियों से भरा मटका लेकर तालाब पर पहुंची। वहां भाइयों ने बहिन को चुनरी ओढ़ाकर अपने हाथ से तालाब का पानी पिलाया। भाईयों ने अपनी बहिन के ससुराल में सुख समृद्धि की कामना की और सदा सुखी रहने की कामना भगवान से की। वहीं बुजुर्गों की ओर से इस परंपरा का निर्वहन तालाब पर किया गया है। रेवाण पर मातर, गुगरी, सांकली आदि सभी में वितरित कर सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद बहिनों ने भी परिवार में सुख-समृद्धि व भाई के दीर्घायु की कामना कर व्रत खोला। इसी प्रकार रामसीन मूंगड़ा तालाब पर भी समंदर हिलोरने की परंपरा का निर्वहन किया गया,जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए।
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