एस्ट्रो धर्म :
सामुद्रिक शास्त्र को भारतीय ज्योतिष का विशेष भाग माना गया है। सामुद्रिक शासत्र से हम शरीर के विभिन्न अंगों की सरंचना को देखकर उसके व्यक्तित्व और भविष्य का अनुमान लगाते हैं। इन्हीं में शामिल है किसी पुरुष का मस्तक।
- यदि किसी व्यक्ति का माथा या ललाट साफ, सरल और स्पष्ट रेखा वाला हो तो वह सुखी और दीर्घायु होता है। यदि माथे पर छिन्न-भिन्न रेखा हैं तो वह दुःखी और अल्पायु माना जाता है। ललाट पर बनी उद्धव रेखा, त्रिशूल एवं स्वास्तिक जैसे चिह्न व्यक्ति के सुखमयी जीवन का इशारा करते हैं।
- छोटे मस्तक वाला मनुष्य के अधिक पुत्रियां होती हैं। ऐसे व्यक्ति कड़ा परिश्रम करने के बाद ही अपने जीवन का निर्वहन कर पाते हैं।
- व्यक्ति के माथे पर जितनी रेखाएं विद्यमान हों, उसके उतने ही भाई-बहन होने की संभावना रहती है। सामुद्रिक शास्त्र में मोटी रेखा भाई और छोटी रेखा बहन का इशारा करती हैं।
- यदि व्यक्ति का माथा नीचे से ऊपर की ओर उठा हुआ जतो वह धैर्यवान, धनवान और मेधावी होता है। ऐसे लोग प्रेम में आगे रहते हैं। वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
- यदि व्यक्ति के माथे पर छोटा सा चांद बना हो तो ऐसे व्यक्ति पर ईश्वर की विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे लोग सन्यासी, उपदेशक अथवा योगी होते हैं।
- जिस व्यक्ति के माथे पर रेखा नहीं हो तो वह पुरुष धनवान और लंबी आयु वाला होता है। लेकिन यदि ललाट गहरा हो तो वह पुरुष अपराध करने से भी पीछे नहीं हटता। ऐसा व्यक्ति किसी की हत्या भी कर सकता है।
- यदि व्यक्ति का माथा ऊपर से उठा हुआ और नीचे से झुका हो तो ऐसा व्यक्ति कई स्त्रियों से विवाह संबंध बनाने वाला होता है। ऐसे माथे वाले लोग उच्च शिक्षा के जरिए उच्च पद हासिल करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य इनका साथ नहीं देता।
- यदि माथा चौड़ा है तो ऐसा व्यक्ति अधिक पुत्रों वाला होता है। लेकिन वह हमेशा काम धंधों को लेकर परेशान रहता है। ऐसे लोगों की संतान भाग्यशाली और मेहनती होती है।
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