भीलवाड़ा । भीलवाड़ा के एक मात्र आस्था के कैन्द्र हरणी महादेव के शिवलिंग का आज रूप निखर आया है। पहले शिवलिंग पर दुध,जल व दही के अभिषेक से जगह-जगह छलनी की तरह छेद हो गये थे। हरणी महादेव के पूजारी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि केमिकल युक्त दुध और दही के कारण शिवलिंग क्षीण हो गया था लेकिन आज उज्जैन से आये कारीगरों ने शिवलिंग पर पीत्तल की परत चढाई जबकि संकट मोचन हनुमान मन्दिर के महन्त बाबू गिरी ने शिवलिंग पर झडी-बुटियों से लेप किया। जिसके कारण शिवलिंग का रूप निखरा आया है। इस पर करीब पचास हजार रूपये का खर्चा आया है। वहीं पुजारी शर्मा ने कहा कि अब शिवलिंग पर दही का लेप कम कर दिया जायेगा ताकि इस कोई नुकसान ना पहुंचे। उधर,कारीगर भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि उसने अब तक हिन्दु-मुस्लिम सभी धर्म स्थलों पर इस तरह का काम किया है। वहीं महन्त बाबू गिरी ने कहा कि खारे पानी व केमिकल युक्त दुध के कारण शिवलिंग पर छेद हो जाते है। इसके लिए हरिद्वार से जडी-बुटी मांगकर उसका लेप किया गया है। जिससे शिवलिंग पर 20 वर्षों तक कोई दुष्प्रभाव नहीं पडेगा।
भीलवाड़ा । भीलवाड़ा के एक मात्र आस्था के कैन्द्र हरणी महादेव के शिवलिंग का आज रूप निखर आया है। पहले शिवलिंग पर दुध,जल व दही के अभिषेक से जगह-जगह छलनी की तरह छेद हो गये थे। हरणी महादेव के पूजारी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि केमिकल युक्त दुध और दही के कारण शिवलिंग क्षीण हो गया था लेकिन आज उज्जैन से आये कारीगरों ने शिवलिंग पर पीत्तल की परत चढाई जबकि संकट मोचन हनुमान मन्दिर के महन्त बाबू गिरी ने शिवलिंग पर झडी-बुटियों से लेप किया। जिसके कारण शिवलिंग का रूप निखरा आया है। इस पर करीब पचास हजार रूपये का खर्चा आया है। वहीं पुजारी शर्मा ने कहा कि अब शिवलिंग पर दही का लेप कम कर दिया जायेगा ताकि इस कोई नुकसान ना पहुंचे। उधर,कारीगर भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि उसने अब तक हिन्दु-मुस्लिम सभी धर्म स्थलों पर इस तरह का काम किया है। वहीं महन्त बाबू गिरी ने कहा कि खारे पानी व केमिकल युक्त दुध के कारण शिवलिंग पर छेद हो जाते है। इसके लिए हरिद्वार से जडी-बुटी मांगकर उसका लेप किया गया है। जिससे शिवलिंग पर 20 वर्षों तक कोई दुष्प्रभाव नहीं पडेगा।
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