देहरादून। हिमालय की पहाड़ियों में स्थित प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकरी अधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने के मौके पर विशेष पूजा अर्चना मंदिर के मुख्य पुजारी रावल केशवन नम्बूरी ने की। इस मौके पर कड़ाके की ठंड के बावजूद मंदिर के धर्माधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे। कपाट बंद होने के अवसर पर पूरे बदरीनाथ मंदिर को गेंदे के पीले फूलों से सजाया गया था। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल के दौरान उनकी पूजा जोशीमठ में होगी।
देहरादून। हिमालय की पहाड़ियों में स्थित प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकरी अधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने के मौके पर विशेष पूजा अर्चना मंदिर के मुख्य पुजारी रावल केशवन नम्बूरी ने की। इस मौके पर कड़ाके की ठंड के बावजूद मंदिर के धर्माधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे। कपाट बंद होने के अवसर पर पूरे बदरीनाथ मंदिर को गेंदे के पीले फूलों से सजाया गया था। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल के दौरान उनकी पूजा जोशीमठ में होगी।
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