जयपुर। नवरात्रा के अवसर पर जय माॅं वैष्णो देवी प्रचार समिति (रजि.) जयपुर के तत्वावधान में दिल्ली बाईपास स्थित लक्ष्मण डूंगरी श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में 27 सितम्बर से सजे माॅं वैष्णों देवी के दरबार का दर्शन करने का सिलसिला अंतिम दिन सोमवार को भी जारी रहा। माताजी के दर्शन करने आये श्रद्धालुओं ने माताजी के जयकारें लगाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।समिति के संरक्षक राजेश डंगायच व अध्यक्ष शशीकान्त गुप्ता ने बताया कि अंतिम दिन 4 बजे से ही माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु का जुटना शुरू हो गया था। शाम 6 बजे तो कार्यक्रम स्थल भक्तों का आलम यह था कि कतार में खड़े श्रद्धालु माता के जयकारे लगाकर वातावरण को भक्ति और आस्था में भिगो रहे थे। श्रद्धालु चलो बुलावा आया है...., जय बोलो वैष्णो माता की...., जैसे भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर नाचते गाते नजर आये।महामंत्री बनवारी लाल खुंटेटा ने बताया कि दरबार का मुख्य आकर्षण एक लाख स्क्वायर फिट में 100 फीट उंचे त्रिकुट पर्वत पर, बांणगंगा, चरण पादुका, अर्द्धकंवारी गुफा, हाथी मत्था, सांझी छत, भैरव मंदिर के साक्षात दर्शन, बर्फीले पहाड़ें पर बिजली के कडकने और बादलों की गर्जना आकर्षण का केन्द्र रहे। महोत्सव के अंतिम दिन काफी संख्या में देर रात तक श्रद्धालुओं ने माताजी के दर्शन किये ।Aaj Ki Delhi.in/ The 24x7 news/ Indian news Online/ Prime News.live/Astro Dharm/ Yograaj Sharma/ 7011490810
जयपुर। नवरात्रा के अवसर पर जय माॅं वैष्णो देवी प्रचार समिति (रजि.) जयपुर के तत्वावधान में दिल्ली बाईपास स्थित लक्ष्मण डूंगरी श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में 27 सितम्बर से सजे माॅं वैष्णों देवी के दरबार का दर्शन करने का सिलसिला अंतिम दिन सोमवार को भी जारी रहा। माताजी के दर्शन करने आये श्रद्धालुओं ने माताजी के जयकारें लगाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।समिति के संरक्षक राजेश डंगायच व अध्यक्ष शशीकान्त गुप्ता ने बताया कि अंतिम दिन 4 बजे से ही माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु का जुटना शुरू हो गया था। शाम 6 बजे तो कार्यक्रम स्थल भक्तों का आलम यह था कि कतार में खड़े श्रद्धालु माता के जयकारे लगाकर वातावरण को भक्ति और आस्था में भिगो रहे थे। श्रद्धालु चलो बुलावा आया है...., जय बोलो वैष्णो माता की...., जैसे भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर नाचते गाते नजर आये।महामंत्री बनवारी लाल खुंटेटा ने बताया कि दरबार का मुख्य आकर्षण एक लाख स्क्वायर फिट में 100 फीट उंचे त्रिकुट पर्वत पर, बांणगंगा, चरण पादुका, अर्द्धकंवारी गुफा, हाथी मत्था, सांझी छत, भैरव मंदिर के साक्षात दर्शन, बर्फीले पहाड़ें पर बिजली के कडकने और बादलों की गर्जना आकर्षण का केन्द्र रहे। महोत्सव के अंतिम दिन काफी संख्या में देर रात तक श्रद्धालुओं ने माताजी के दर्शन किये ।Aaj Ki Delhi.in/ The 24x7 news/ Indian news Online/ Prime News.live/Astro Dharm/ Yograaj Sharma/ 7011490810
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