एस्ट्रो धर्म :
नौकरी में तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है। कुछ वर्ष एक ही स्थान पर कार्यरत् रहने के उपरांत नियुुुक्त व्यक्ति का स्थानांतरण होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। कई बार यह तबादला अपनी इच्छा के अनुरूप होता है तो कई बार लोगों को अपना घर-परिवार छोड़कर अनिच्छा से नए स्थान पर जाकर योगदान देना पड़ता है। ये तबादला पदोन्नति और कुछ आर्थिक लाभ के साथ भी हो सकता है अथवा समान पद पर रहते हुए बिना आर्थिक लाभ के भी स्थानांतरण हो सकता है।
प्रायः सरकारी कर्मचारी ज्योतिषियों से पूछते रहते हैं कि हमारी बदली कब होगी? अनुकूल बदली होगी या प्रतिकूल? ज्योतिष शास्त्र से किसी भी व्यक्ति के जन्म का समय, स्थान, दिन आदि से उसके भविष्य, व्यक्तित्व, कार्यक्षेत्र आदि के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष मेंं किसी भी ज्योतिषी गणना के लिए कुछ सामान्य मापदंड होते हैं, विषय से संबंधित भाव व सहायक भाव, विषय से संबंधित कारक ग्रह, दशा-महादशा/ अंतर्दशा/ प्रत्यंतर दशा व गोचर का अध्ययन करना।
जन्म कुण्डली के बाहरवें भाव में से तबादलेे का संबंध मुख्य रूप से चतुर्थ भाव से है, जन्म कुण्डली के चतुर्थ भाव के स्वामी या चतुर्थ भाव से संबंधित ग्रहों की दशाओं व अंतर्दशाओं में तबादले के योग बनते हैं।
जन्मकुंडली मेंं चतुर्थ भाव या चतुर्थ भाव से संबंधित ग्रह शुभ होंं या तो उचित स्थान पर हों तो स्थानांतरण इच्छा के अनुरूप होता है और अशुभ ग्रह होने पर प्रतिकूल स्थान पर या अनिच्छा से स्थानांतरण होता है।
सहायक भाव की बात करें तो तीसरा, छठा, दसवां व बारहवां भूमिका निभाते हैं तथा इनके स्वामियों के बीच में अगर किसी भी तरह से योग बनता है तब ट्रांसफर के योग बनते हैं।
स्थानांतरण के साथ यदि पदोन्नति का विश्लेषण करना हो तो जन्मकुंडली के सातवें भाव को देखा जाता है साथ ही आर्थिक लाभ के लिए कुंडली के दूसरे व ग्यारहवें भाव का भी अध्ययन किया जाता है।
कारक ग्रहों की बात करें तो सूर्य सभी ग्रहों में श्रेष्ठ, मुख्य व राजा है इसलिए जब यह नौकरी को दर्शाता है तो वह नौकरी में ऊंंचें दर्जे की व्यापक, सरकारी व अर्द्ध सरकारी, प्रशासनिक व अच्छी पूंजी वाली होती है।
जातक की नौकरी का निर्णय उसकी कुंडली के ग्रहों की प्रवृत्ति, बल आदि पर निर्भर करता है। इसी कारण सूर्य के साथ ही जिस नौकरी के स्थानांतरण का विश्लेषण करना है वह किस ग्रह से संबंधित है यह भी अध्ययन किया जाता है।
लग्नेश की दशमेश की तथा उच्च के ग्रह की महादशा/अंतर्दशा चल रही हो तो ऐसी स्थिति में स्थानांतरण होने की संभावना अधिक होती है, साथ ही दसवें और बारहवें भाव या उनके स्वामियों की महादशा/अंतर्दशा मे ट्रांसफर जन्म स्थान से बहुत दूर व विदेश मे भी हो जाता है।
नौकरी में तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है। कुछ वर्ष एक ही स्थान पर कार्यरत् रहने के उपरांत नियुुुक्त व्यक्ति का स्थानांतरण होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। कई बार यह तबादला अपनी इच्छा के अनुरूप होता है तो कई बार लोगों को अपना घर-परिवार छोड़कर अनिच्छा से नए स्थान पर जाकर योगदान देना पड़ता है। ये तबादला पदोन्नति और कुछ आर्थिक लाभ के साथ भी हो सकता है अथवा समान पद पर रहते हुए बिना आर्थिक लाभ के भी स्थानांतरण हो सकता है।
प्रायः सरकारी कर्मचारी ज्योतिषियों से पूछते रहते हैं कि हमारी बदली कब होगी? अनुकूल बदली होगी या प्रतिकूल? ज्योतिष शास्त्र से किसी भी व्यक्ति के जन्म का समय, स्थान, दिन आदि से उसके भविष्य, व्यक्तित्व, कार्यक्षेत्र आदि के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष मेंं किसी भी ज्योतिषी गणना के लिए कुछ सामान्य मापदंड होते हैं, विषय से संबंधित भाव व सहायक भाव, विषय से संबंधित कारक ग्रह, दशा-महादशा/ अंतर्दशा/ प्रत्यंतर दशा व गोचर का अध्ययन करना।
जन्म कुण्डली के बाहरवें भाव में से तबादलेे का संबंध मुख्य रूप से चतुर्थ भाव से है, जन्म कुण्डली के चतुर्थ भाव के स्वामी या चतुर्थ भाव से संबंधित ग्रहों की दशाओं व अंतर्दशाओं में तबादले के योग बनते हैं।
जन्मकुंडली मेंं चतुर्थ भाव या चतुर्थ भाव से संबंधित ग्रह शुभ होंं या तो उचित स्थान पर हों तो स्थानांतरण इच्छा के अनुरूप होता है और अशुभ ग्रह होने पर प्रतिकूल स्थान पर या अनिच्छा से स्थानांतरण होता है।
सहायक भाव की बात करें तो तीसरा, छठा, दसवां व बारहवां भूमिका निभाते हैं तथा इनके स्वामियों के बीच में अगर किसी भी तरह से योग बनता है तब ट्रांसफर के योग बनते हैं।
स्थानांतरण के साथ यदि पदोन्नति का विश्लेषण करना हो तो जन्मकुंडली के सातवें भाव को देखा जाता है साथ ही आर्थिक लाभ के लिए कुंडली के दूसरे व ग्यारहवें भाव का भी अध्ययन किया जाता है।
कारक ग्रहों की बात करें तो सूर्य सभी ग्रहों में श्रेष्ठ, मुख्य व राजा है इसलिए जब यह नौकरी को दर्शाता है तो वह नौकरी में ऊंंचें दर्जे की व्यापक, सरकारी व अर्द्ध सरकारी, प्रशासनिक व अच्छी पूंजी वाली होती है।
जातक की नौकरी का निर्णय उसकी कुंडली के ग्रहों की प्रवृत्ति, बल आदि पर निर्भर करता है। इसी कारण सूर्य के साथ ही जिस नौकरी के स्थानांतरण का विश्लेषण करना है वह किस ग्रह से संबंधित है यह भी अध्ययन किया जाता है।
लग्नेश की दशमेश की तथा उच्च के ग्रह की महादशा/अंतर्दशा चल रही हो तो ऐसी स्थिति में स्थानांतरण होने की संभावना अधिक होती है, साथ ही दसवें और बारहवें भाव या उनके स्वामियों की महादशा/अंतर्दशा मे ट्रांसफर जन्म स्थान से बहुत दूर व विदेश मे भी हो जाता है।
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