एस्ट्रो  धर्म :



मंदिरों से लोगों की आस्था जुड़ी होती है और भारत देश में कई प्रमुख मंदिर हैं। ये प्रसिद्ध मंदिर बहुत ही प्राचीन और अनोखे मंदिर भी हैं। मान्यताओं के अनुसार इन मंदिरों में लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और उन्हें पूरी होने का आशीर्वाद लेकर जाते हैं।
वहीं भारत के अद्भुत मंदिरों में से एक मंदिर ऐसा भी है जहां लोग अपनी गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाने के लिये आते हैं। हालांकि चिकित्सकों का इस मामले में कुछ कहना नहीं है। ऐसे ही कुछ अनोखे मंदिरों के बारे में बताते हैं जो व्यक्ति की हर समस्या का समाधान कर देते हैं...
नवाबगंज, उन्नाव की कुछ दूरी पर ही मां दुर्गा और कुशहरी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन मंदिरों में दुर्गा मां की प्रतिमा और उनका विग्रह रुप बहुत ही मनमोहक है। श्रृद्धालुओं के अनुसार दोनों मंदिरों में स्थापित देवी मां की प्रतिमाएं एक जैसी हैं, मानों दोनों जुड़वा बहने हैं। लेकिन आपको बता दें की कुशहरी देवी मंदिर परिसर में एक सुंदर सरोवर है जो कि गऊ घाट झील में मिलती है। इस मंदिर में आने वाले भक्त सरोवर के दर्शन पाकर स्वयं को धन्य मानते हैं।

मंदिर के बारे में लोगों का कहना हे कि स्‍थानीय निवासी बताते हैं कि, कुशहरी देवी सभी प्रकार के रोगों से भी मुक्ति दिलाती हैं। इसी क्रम में एक उल्‍लेख मिलता है उन्‍नाव के पुरवा निवासी एक नर्तकी के शरीर में लकवा मार गया था। कई जगह इलाज करवाने के बावजूद वह सही नहीं हो पाई तब वह माता कुशहरी के मंदिर आई। माता से प्रार्थना की और कुछ ही दिनों में वह स्‍वस्‍थ हो गई। इसके बाद उसने मंदिर के जीर्णोद्धार भी करवाया।

पधाई माता मंदिर, शिमला
ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर शिमला के दुधली नामक जगह पर स्थित है। यहां देवी मां का एक चमत्कारी मंदिर स्थापित है। जो की पधाई माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर पधाई नामक पहाड़ी पर स्थित है, इसलिए इसे पधाई माता मंदिर कहा जाता है। मंदिर को लेकर कहानी मिलती है कि, एक बार एक स्‍थानीय निवासी को देवी मां ने स्‍वप्‍न में पिंडी रूप में दर्शन दिए थे। इसके बाद उसे एक जगह विशेष पर खुदाई करने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि वह उसी स्‍थान पर मां का जलाभिषेक भी करें।
अगले दिन वह उठते ही उस स्थान पर पहुंचा, जो मातारानी ने जगह बताई थी। वहां पर उसने देखा कि जिस पिंडी के उसने सपने में दर्शन किए थे। सामने वही पिंडी विराजमान थी। इसके बाद उसने मां को प्रणाम करके स्‍वप्‍न में बताई गई जगह पर खुदाई करनी शुरू की। बताते हैं कि उस स्‍थान पर जल की धारा निकली। जिससे उसने मां की पूजा-अर्चना की और फिर उसी स्‍थान पर मंदिर का निर्माण हो गया। तब से उसी जल से मां का जलाभिषेक किया जाता है। यही नहीं मान्‍यता है कि जो भी सच्‍ची श्रद्धा से मां को यह जल अर्पित करता है। साथ ही इससे स्‍नान करता है उसके सभी रोग दूर हो जाते हैं।
पातालेश्वर शिव मंदिर, मुरादाबाद
मुरादाबाद-आगरा राजमार्ग पर सद्ध्दी गांव में एक शिव मंदिर स्थापित है। यह शिव मंदिर करीब 150 साल पुराना है। इस मंदिर को पातालेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां शिवलिंग पर दूध-दही और झाडू चढ़़ाया जाता है। माना जाता है कि इससे अगर किसी व्यक्ति को त्वचा रोग हैं तो वो दूर हो जाते हैं। शिव जी को झाडू चढ़ाने से त्वचा रोग से संबंधित सभी समस्याएं खत्म हो जाती है। स्‍थानीय लोग बताते हैं कि भोले की ऐसी महिमा है कि झाड़ू चढ़ाते ही गंभीर से गंभीर बीमारी सही हो जाती है।
इसलिये चढ़ाई जाती है झाडू
भिखारीदास नाम का एक व्‍यापारी था जो कि गंभीर रूप से त्‍वचा की बीमारी से परेशान था। एक दिन वह दवा के लिए किसी दूसरे शहर जा रहा था। उसी समय उसके रास्‍ते में यह गांव पड़ा। भिखारीदास को प्‍यास लगी थी तो वह सामने स्थित आश्रम में गया। जहां पर महंत आश्रम की सफाई कर रहे थे और उनकी झाड़ू उस व्‍यापारी को छू गई। इसके बाद उसकी त्‍वचा की सारी बीमारी ठीक हो गई। इसके बाद भिखारीदास ने उस स्‍थान पर शिवालय का निर्माण करवा दिया। धीरे-धीरे यह मान्‍यता हो गई कि मंदिर में झाड़ू चढ़ाने से त्‍वचा रोग से मुक्ति मिल जाती है।
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1 comments:

  1. इस मंदिर में जाकर देखना चाहिए एक बार।

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